Saturday, May 21, 2011

तुम यहीं बैठे हो

आज बादल गरजे नहीं,
दिल कहीं लगा नहीं
आँखें मूँद लीं खुलते ही,
मेरे लिए यह सुबह नहीं
यह दिन जी तो पाते ना हम,
मगर तुम यहीं बैठे हो

मन घबराता हुआ सही,
दरिया में गोते लगाता कई
बेबुनियाद दर्द के दलदल में,
पगला, ठिकाना अपना ढूंढता कहीं
सतह तक वापस आना तो चाहते ना हम,
मगर तुम यहीं बैठे हो

मुस्कुराना हम चाहते नहीं,
आंसुओं को तुम जो चूम लेते हो
खुश रहने की भी हिम्मत नहीं,
तुम दर्द का जो ख़याल करते हो
मगर हंसी देखो रूकती नहीं
जब तक तुम यहीं बैठे हो
 











7 comments:

Tapas said...

This is like 'Cheers Darling' for me, only richer!
:-*

Tapas said...

^ That was me btw. Tapas

Rashmi said...

I would have known who it was :)

Dr.Mayank Kr. Rai said...

Bahoot hi sunder tarike se piroe hue lines hai.
Dil ko choo lete hai.
Mayank Kumar Rai

Dr.Mayank Kr. Rai said...

hi
Barish ka connection sidhe dil se hota hai
Mayank Kumar Rai

vid said...

reading it zillionth time today. this one's the favorite among the eqauls

Rashmi said...

Thank you :)
Try translating the page to English, it's hilarious xD